पोशाक पर पोशाक, परत पर परत चढ़ी हुई हैं;
तेरे दिल तक पहुंचना बस की नहीं, दूर है बहुत |
तेरे दिल तक पहुंचना बस की नहीं, दूर है बहुत |
किताब हो तुम जिसके पन्ने पलटते उम्र गुज़री है,
अभी तो आधे रास्ते तक भी नहीं पहुँच पायी हूँ |
पुरानी किताबों में खुशबुयें सी होती हैं वक़्त की,
पुराने पत्ते, फूल भी कभी; मुझे कुछ नहीं मिला |
कहने को बाहों में थामा जाने कितनी बार, पर,
चमकती आँखों के राज़ अभी तलक लापता से हैं |
काग़ज़ों के पुर्जों में छुपाया है सारे वादों को मैंने,
खुद को पढ़वाती रहती हूँ, ताकि यकीं बना रहे |
आजकल 'नूर' की मांग शायद ग्राहकों में बढ़ी है,
'विती' हक़ रखती ज़रूर है, मगर जताती नहीं |
Holy one!!Loved few lines & I'm copying this to myself. *salutes*
ReplyDeletekhoobsurat :)
ReplyDeleteUmda!!! :P
ReplyDeleteWow loved it :-)
ReplyDeleteIts amazing stuff lady...:)....too good..take a bow :)
ReplyDeleteyou are always absolute amazing with hindi lines !! awesome !! totally !!
ReplyDeleteYou've a thing for old memories, times and keepsakes, dont you?
ReplyDeleteAnother gem. :)