बस टकटकी लगाये देखते गए
तुम आये और आ कर चले गए
ना ग़ैर थे तुम, ना ही थे अपने
तुम आये और आ कर चले गए
कुछ हँसे साथ, कुछ रो लिए
तुम आये और आ कर चले गए
थोडा झूम और थोडा घूम लिए,
तुम आये और आ कर चले गए
ख्वाहिशें उठीं, आरज़ू मचली
तुम आये और आ कर चले गए
'विती' मुस्काई, 'नूर' दमका
तुम आये और आ कर चले गए
बावरी वो तो बावरी ही रही
तुम आये और आ कर चले गए...
mast hai.
ReplyDelete:) lovely thought..
बावरी वो तो बावरी ही रही
तुम आये और आ कर चले गए..
Oh my! I totally love this piece Viti!
ReplyDeleteLOVED it!!!!!
its beautiful dear :)
ReplyDeletebehad khoobsurat
regards
harshita
last lines are best, give deeper meaning to all lines above! Beautiful!
ReplyDeleteकिसी के एक आंसू पैर हजारों दिल तड़पते हैं ,
ReplyDeleteकिसी का उम्र भर रोना योंही बेकार जाता है |... कुच तो बात है बावरी , यूँही गुमसुम नहीं |
"ना ग़ैर थे तुम, ना ही थे अपने
ReplyDeleteतुम आये और आ कर चले गए
कुछ हँसे साथ, कुछ रो लिए
तुम आये और आ कर चले गए"
loved these lines...