Friday, July 30, 2010

~~~...तुम आये और आ कर चले गए...~~~

बस टकटकी लगाये देखते गए 
तुम आये और आ कर चले गए


ना ग़ैर थे तुम, ना ही थे अपने
तुम आये और आ कर चले गए


कुछ हँसे साथ, कुछ रो लिए
तुम आये और आ कर चले गए


थोडा झूम और थोडा घूम लिए,
तुम आये और आ कर चले गए


ख्वाहिशें उठीं, आरज़ू मचली
तुम आये और आ कर चले गए


'विती' मुस्काई, 'नूर' दमका
तुम आये और आ कर चले गए


बावरी वो तो बावरी ही रही
तुम आये और आ कर चले गए...

6 comments:

  1. mast hai.
    :) lovely thought..

    बावरी वो तो बावरी ही रही
    तुम आये और आ कर चले गए..

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  2. Oh my! I totally love this piece Viti!

    LOVED it!!!!!

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  3. its beautiful dear :)
    behad khoobsurat

    regards
    harshita

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  4. last lines are best, give deeper meaning to all lines above! Beautiful!

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  5. किसी के एक आंसू पैर हजारों दिल तड़पते हैं ,
    किसी का उम्र भर रोना योंही बेकार जाता है |... कुच तो बात है बावरी , यूँही गुमसुम नहीं |

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  6. "ना ग़ैर थे तुम, ना ही थे अपने
    तुम आये और आ कर चले गए
    कुछ हँसे साथ, कुछ रो लिए
    तुम आये और आ कर चले गए"

    loved these lines...

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